मोहल्ला क्लीनिक में बनती ही रहती हैं कहानियाँ
Stories from a Mohalla Clinic
सुबह के साढ़े सात बज चुके थे। पेट भर के नाश्ता कर के निकली थी। नाश्ता करके निकली थी। नाश्ते में बहू ने गेहूँ की दलिया दिया था।
It was past seven thirty in the morning. I had a filling breakfast before leaving. My daughter-in-law had given me a bowl full of cracked wheat pudding.
मैं मोहल्ला क्लीनिक हर तीसरे दिन आती हूँ। डॉक्टर को दिखाती हूँ। यहाँ आराम से दवा मिल जाती है। जब बाहर धूप और गर्मी रहती है, तब सभी अंदर एसी में बैठकर अपने नंबर का इंतज़ार करते होते हैं। अंदर ख़ून से संबंधित हर तरह की जाँच भी होती है। जाँच की रिपोर्ट दो से तीन दिन में आ जाती है। अगर क्लीनिक के पास जाँच के अपने साधन नहीं रहते तो फिर वे बाहर रेफ़र कर देते हैं। बस एक पर्ची बना देते हैं जिस पर जाँच का नाम और हॉस्पिटल का पता लिखा होता है। उस पते पर मरीज़ चले जाते हैं। वहाँ जाँच का कोई पैसा नहीं लगता, जाँच फ्री में होता है। ऐसे भी इलाज़ का सारा ख़र्च दिल्ली सरकार वहन करती है।
I visit the Mohalla clinic every third day in a week to meet the doctor. I get my medicines easily here. When it is very hot, then everyone waits inside the air conditioned clinic. The clinic is equipped to do every kind of blood test. The blood test reports arrive within two- three days. If the clinic is not equipped for some tests then they give a reference to some other clinic or hospital. On the reference they mention the name of the test and the address of the hospital where we should get it done. They are not charged any additional fees then. The expenses of the entire treatment is borne by the Delhi government.
अब तो बहुत कम लोग डिस्पेंसरी जाते हैं। जब से कोरोना का साया पड़ा है तब से डिस्पेंसरी में सिर्फ़ कोरोना की जाँच होती है। वैक्सीन भी वहीं लगाई जाती है। अब तो बूस्टर डोज़ भी वहीं लग रहा है। इस वजह से बाक़ी लोग चाहकर भी वहाँ नहीं जा पाते हैं। डिस्पेंसरी में आशा बहन और आशा बहू बुधवार को नवजात शिशुओं को टीका लगाती हैं, जो तीन महीने और छह महीने पर लगता है। बस इसी दिन वहाँ भीड़ दिखती है। बाक़ी दिन डिस्पेंसरी ख़ाली-ख़ाली-सी रहती है।
Now very few people in our neighbourhood visit the local dispensary run by the central government. Ever since the pandemic, only corona patients visit the dispensary. Even the covid vaccinations are given there so even if the people want to, they prefer not to go their any longer. Wednesdays are reserved for Asha behen and Asha bahu inoculate all the new born babies of the neighbourhood. On those days the clinic is very crowded. On other days the dispensary looks deserted.
डिस्पेंसरी कॉलोनी के दूसरे छोर पर है। बहुत से लोग वहाँ दूरी की वजह से नहीं जाते हैं। मोहल्ला क्लीनिक पास है और कोरोना का भी वहाँ कोई लफड़ा नहीं है। बस, यहाँ आधार-कार्ड के साथ एक तस्वीर खींची जाती है, और फिर इलाज़ शुरू। यहाँ दवा भी बढ़िया देते हैं।
The dispensary is located at one end of our colony. Many don’t go there because they find it to be too far. The Mohalla clinic in contrast, is close by and there is no fear of Corona over there. They first take our photograph and then register us with our adhar cards and our treatment begins. Even the medicines we get are of good quality.
दलिया
Porridge
पता नहीं आज कहाँ से वह चश्मे वाला बुड्ढा आ गया और बे-वजह यहाँ के स्टॉफ़ से ही उलझ गया। उसकी बहस की वजह से आज सबको बाहर लाइन में लगना पड़ रहा है। अब सब खड़े रहो लाइन में टोकन लेकर! मोहल्ला क्लीनिक वालों ने सफ़ेद काग़ज़ के टुकड़े पर गुलाबी स्केच पेन से 42 नंबर तक अंक दर्ज कर सबको थमा दिया और सबका नाम रजिस्टर में लिख लिया। कुछ देर बाद नाम और टोकन नंबर बोला जाने लगा। टोकन नंबर 11…, ‘साबिया अंदर आए…।’
The cranky old man with glasses has come here today and has picked up a fight with the staff of the clinic. Because of him, everyone will have to stand in a queue outside in the hot sun! The clinic staff have given everyone a white ticket marked with a pink number and have registered all the 42 patients. After a while they started calling out for the patients by their name and number. “Token number 11, Sabiya, come in….”
क्लीनिक का स्टाफ़ जिसका नाम लेता वही अंदर दाख़िल होता, और वह अपनी जाँच कराकर ही लौटता। अभी क्लीनिक में बीपी की जाँच नहीं शुरू हुई थी, सिर्फ़ ख़ून की जाँच हो रही थी। मेरी सहेली मधु के ख़ून की जाँच के लिए उसकी कलाई की नस से ख़ून निकाला गया। ख़ून निकलने वाली जगह पर सफ़ेद रूई का फाहा लगाकर उसे बाहर भेजते हुए स्टाफ ने कहा, ‘जुम्मेरात को रिपोर्ट मिलेगी।’
Everytime the clinic staff called out for a patient, they would enter and come out only on treatment. Blood pressure patients are not yet being treated at our clinic but they have begun conducting blood tests here. They drew blood from my freind Madhu, for her blood test. They pressed a cotton ball on the puncture and told her to come on Friday for her reports.
इंजेक्शन का डर – मोहल्ला क्लिनिक के कुछ अनुभव
Fear of Injections – Experiences at a Mohalla Clinic
क्लीनिक के जाँच घर में एक मोटी दिखती नर्स ख़ून निकाल रही थी। पतली वाली नर्स मरीज़ के नाम वाली पर्ची चिपका कर ख़ून से भरी शीशी को थर्माकोल के बने चौकोर बॉक्स में सँभाल कर रख देती। अंदर बैठा हुआ व्यक्ति अभी भी सबका नंबर गुलाबी स्केच पैन से दर्ज कर टोकन दे रहा था। दवा देने वाली मैडम अभी आई नहीं थी।
In the blood test room, an overweight nurse was doing all the tests. A thin nurse would then label the ampules full of blood and then carefully label them and store them in a thermocol box. Another staff member was still handing out white tokens marked with a pink number to new patients entering the clinic. The lady who handed out medicines hadn’t arrived as yet.
क्लीनिक के बाहर समीमा बेगम टोकन को दिखाते हुए सलमा से बोली, ‘मैं ग़लत फँस गई। वह देख रही हो चश्मे वाले को, न जाने कहाँ से आकर लगी-लगाई लाइन को डिस्टर्ब कर दिया। अब तो नाम लेकर एक एक-एक को बुलाते हैं। मैं तो पिछले एक घंटे से बाहर लाइन में खड़ी हूँ।’
Samima Begum, had been waiting for long in the queue. She told Salma, “Today we have got badly stuck. This cranky old man with the glasses has come and heckled the staff and thrown everything into chaos. I have been waiting for an hour now.”
सलमा बोली, ‘क्या तुम्हें रोज़ आना पड़ता है?’ समीमा ने जवाब दिया, ‘हर तीसरे दिन बीपी चेक करवाने के लिए मैं आती हूँ। गुरु नानक हॉस्पिटल वालों ने मुझे बीपी चेक करवाने के लिए इरविन हॉस्पिटल का नाम दिया था। यह हॉस्पिटल सावदा से तीस से पैंतीस किलोमीटर दूर है। वहाँ आने-जाने में ही मेरी बीपी हाई हो जाएगी। इस वजह से हमने डॉक्टर से पर्ची पर लिखवा लिया कि साहब मुझे बीपी जाँच करवाने के लिए सावदा मोहल्ला क्लीनिक ही जाना है। मेरे आँख का ऑपरेशन 13 अगस्त को होना है। उन्होंने मुझे बीपी को कम रखने के लिए कहा है। उनका यह कहना कि आप अपना बीपी नपवाते रहना, अगर बीपी कम होगा तभी ऑपरेशन संभव होगा। क्लीनिक वाले मेरी बीपी चेक करते रहते हैं। गुरु नानक हॉस्पिटल से लाई पर्ची पर हर तीसरे दिन की बीपी का माप लिख देते हैं। सब ठीक रहा तो 13 अगस्त को ऑपरेशन के लिए जाऊँगी। ऑपरेशन हो जाएगा तो अच्छा ही रहेगा।’
Salma asked, “Do you have to come here everyday?” Samima said, “I come every third day here to get my blood pressure checked. I first went to Guru Nanak hospital from where they sent me to Irwin hospital. These hospitals are thirty- thirty five kilometers away from Savda. Travelling back and forth from the hospital will raise my blood pressure. That’s why I asked the doctors at the hospital to refer me to the local Mohalla clinic so I could get my blood pressure checked regularly. I have an eye surgery scheduled for the 13th of August and I have to keep my blood pressure in check. The staff at the clinic check my blood pressure regularly and record it on the document given by the Guru Nanak Hospital. If everything progresses well then I will go on the thirteenth for my eye surgery. I hope it all turns out well and I get better.”