Local Clinic_Khichripur. Photo: Ankur Writers Collective

स्थानीय क्लिनिक

Local Clinics

कामगार बस्तियों मे रहने वाले लोगों के लिए सरकारी डिस्पेंसरी और मोहल्ला क्लिनिक इलाज का सबसे पहला ज़रिया होता है। चाहे कितनी भी लम्बी लाइन क्यों न हो, लोग यहीं जाना पसंद करते हैं। यहाँ डॉक्टर और अन्य स्टाफ जाने पहचाने होते हैं। चाहे कभी कबार ज़रा झिड़क भी दें, फिर भी वो बड़े धैर्य से उन्हें दवा समझाते हैं। सबसे बड़ी बात तो यह है की यहाँ चिकित्सा और दवाइयां, दोनो फ्री में मिलती है। प्रॉब्लम तब आती है जब घर का कोई कमाने वाला सदस्य बीमार पड़ता है। लम्बे लाइन मे लगना मतलब कम से कम आधे दिन के लिए वो काम पर नहीं जा सकता। काम पर नहीं जाएगा तो उस दिन घर का चूल्हा नहीं जलेगा। उस दिन समझो घर पे फांके पड़ेंगे। इसी लिए वो झोला छाप डॉक्टरों का मुँह ताकतें हैं। इन झोला छाप डॉक्टरों की भी इन बस्तियों में बड़ी अनोखी भूमिका रही है। आइये जानते हैं मोहल्ले के इन डिस्पेंसरी में कैसे जांच होती है।

In the working-class settlements, the local government dispensary and the mohalla clinic are the first stop for treatment. People prefer coming here despite the long queues at the entrance. The doctor and staff of these clinics are known to the people of the community. Even though at times they might get scolded yet overall, the doctors explain the medication and dosage to the patients with great patience. The problem happens when an earning member of the family falls ill. Standing in a long queue implies that they will have to miss work for at least half a day. Missing work, in turn implies that for that day the kitchen stove won’t be lit and the family will go hungry. For this reason, people often have to turn to the more easily available quacks or jhola chhap doctors. These doctors have also played an interesting role in the history of these settlements. Come let us learn how people are treated in these local clinics in a community.

Hands_Khichripur. 2003. Photo: Kavita Dasgupta

अम्मा की हरारत

Amma’s Jitters

कौन मदत का हाथ बढ़ाता है, एक बूढी औरत के लिए, जब वो सरकारी दवाखाना पहुँचती है।

Who extends a helping hand to an old woman when she reaches the government dispensary?

रामवती अम्मा और मोहल्ला क्लिनिक
Ramwati Amma & the Mohalla Clinic

मोहल्ला क्लिनिक में रामवती अम्मा के अनुभव।

Ramvati Amma’s experiences at a Mohalla Clinic.

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Asha Behen Poster: https://ashasoft.rajasthan.gov.in/Private/login.aspx

आँखों में जैसे कोई ठहरी हुई तस्वीर !

A Moment Frozen in Time

शहरी इलाक़ों के बदलते ढाँचों के बीच कुछ जगहें आज भी पहले जैसी ही दिखती हैं। जैसे की सरकारी डिस्पेंसरी। आइये आपको हमारे इलाके के डिस्पेंसरी से रूबरू कराते हैं।

Amidst the changing structures of the urban landscape, places like the local government dispensary remain the same. Come, let me introduce you to the dispensary in our area.

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Doctor_https://iple.unicef.in/document/doctors-poster-uttar-pradesh

एक डॉक्टर के पास थोड़ी देर

Meeting with a Doctor

क्या आप हमारे सरकारी डिस्पेंसरी के डॉक्टर साहब से मिलना चाहेंगे? जानना चाहेंगे की वो कैसे हैं? उनका मिजाज़ कैसा है? चले आइये, मिलते हैं उनसे।

Would you like to meet the doctor of our government dispensary? Would you like to know how he is? How he behaves with us? Come, let’s meet him.

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प्लेसहोल्डर छवि. फोटो: एन.एन. © 2023 एन.एन. Placeholder image. Photo: N.N. © 2023 N.N.

मोहल्ला क्लीनिक में बनती ही रहती हैं कहानियाँ

Stories from a Mohalla Clinic

मोहल्ले में कुछ लोग हैं जो की नियमित मोहल्ला क्लिनिक में दिख जातें हैं। मरीज़, उनका परिवार, डॉक्टर, स्टाफ न जाने कितने लोगों के कदम यहाँ पड़ते हैं और न जाने कितनी कहानियां बनती हैं।

There are some people in the locality who are regularly seen at the Mohalla Clinic. Patients, their families, doctors, staff, so many people step here and so many stories are created everyday…

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